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जय पराजय

जय पराजय
अनुराधा गुरव द्वारा मराठी में लिखित बहुचर्चित उपन्यास 'यश-अपयश' का हिंदी अनुवाद है जिसमें एक युवक के अत्यंत संघर्ष की जीवन-गाथा है। बचपन से ही निर्धन परिवार का होने के कारण केवल मां की ममता एवं मेहनत के बल पर पढ़ने की उत्कट लालसा लिए वह स्कूल जाता है। स्कूल का परिवेश और उसकी आर्थिक स्थिति ये दोनों मेल नहीं खाती हैं किंन्तु अपने मित्र आनंद और मैडम की मदद से यह सब कुछ वह कर पाता है। भाई-बहनों की अकाल मृत्यु तथा उसी दुःख में माता और पिता का देहांत हो जाना है, एक प्रकार से विपत्तियों का पहाड़ टूट पड़ने के जैसा है। ऐसे समय मैडम और उसका परिवार उसे सहारा देते हैं। उपन्यास आगे चलकर भिन्न मोड़ पर विश्लेषित है। किसी हीरो की तरह यशवंत का खूबसूरत, मेहनती एवं आकर्षक व्यक्तित्व का चित्रण तथा पुराने रियासती एवं राजनीतिक परिवार की नंदिनी का उससे प्रेम और फिर विवाह, उसकी पिता द्वारा हत्या, फिर उसकी छोटी बहन राजश्री का उससे अत्यंत प्रेम, फिर विवाह, उसे भी एक साल में वह छोड़ देता है और संन्यासी बन जाता है। उपन्यास का उत्तरार्ध नायक यशवंत के संन्यासी बनने एवं आश्रम खोलकर वैज्ञानिक दृष्टिकोन को अपनाकर निःसंतान महिलाओं को संतान का सुख दिलाने का उसका उ&
Author: Shobha M. Pawar |
Publisher: PC Plus Ltd. |
Publication Date: Apr 28, 2024 |
Number of Pages: 146 pages |
Binding: Paperback or Softback |
ISBN-10: 1998027007 |
ISBN-13: 9781998027002 |