Diamond Pocket Books Pvt Ltd
21 Shreshth Kahaniyan (21 श्रेष्ठ कहानियां)
Product Code:
9788128821868
ISBN13:
9788128821868
Condition:
New
$17.45
21 Shreshth Kahaniyan (21 श्रेष्ठ कहानियां)
$17.45
प्रेमचंद ने हिन्दी कहानी को एक निश्चित परिप्रेक्ष्य और कलात्मक आधार दिया। उनकी कहानियां परिवेश बुनती है। पात्र चुनती है। उसके संवाद बिकल उसी भाव-भूमि से लिए जाते हैं जिस भाव-भूमि में घटना घट रही है। इसलिए पाठक कहानी के साथ अनुस्तुत हो जाता है। इसलिए प्रेमचंद यथार्थवादी कहानीकार हैं। लेकिन वे घटना को ज्यों का त्यों लिखने को कहानी नहीं मानते। यही वजह है कि उनकी कहानियों में आदर्श और यथार्थ का गंगा-यमुनी संगम है।
कथाकार के रूप में प्रेमचंद अपने जीवनकाल में ही किंवदंती बन गए थे। उन्होंने मुख्यत ग्रामीण एवं नागरिक सामाजिक जीवन को कहानियों का विषय बनाया है। उनकी कथायात्रा में श्रमिक विकास के लक्षण स्पष्ट हैं, यह विकास वस्तु विचार, अनुभव तथा शिल्प सभी स्तरों पर अनुभव किया जा सकता है। उनका मानवतावाद अमूर्त भावात्मक नहीं, अपितु उसका आधार एक प्रकार का सुसंगत यथार्थवाद है।
कथाकार के रूप में प्रेमचंद अपने जीवनकाल में ही किंवदंती बन गए थे। उन्होंने मुख्यत ग्रामीण एवं नागरिक सामाजिक जीवन को कहानियों का विषय बनाया है। उनकी कथायात्रा में श्रमिक विकास के लक्षण स्पष्ट हैं, यह विकास वस्तु विचार, अनुभव तथा शिल्प सभी स्तरों पर अनुभव किया जा सकता है। उनका मानवतावाद अमूर्त भावात्मक नहीं, अपितु उसका आधार एक प्रकार का सुसंगत यथार्थवाद है।
| Author: Munshi Premchand |
| Publisher: Diamond Pocket Books Pvt Ltd |
| Publication Date: Aug 05, 2021 |
| Number of Pages: 174 pages |
| Binding: Paperback or Softback |
| ISBN-10: 8128821865 |
| ISBN-13: 9788128821868 |