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Meri 51 Vyangya Rachnayen (मेरी 51 व्यंग्य रचनाएं

Meri 51 Vyangya Rachnayen (मेरी 51 व्यंग्य रचनाएं
पिछले चार दशकों से भी ज्यादा समय से देश-विदेश के हजारों कवि सम्मेलनों में लगातार सुने व सराहे जा रहे हास्य-व्यंग्य के बेजोड़ कवि श्री जैमिनी हरियाणवी का जन्म हरियाणा में झज्जर जिले के बादली गांव में दिनांकः 5 सितंबर, सन् 1931 को हुआ। उस दिन जन्माष्टमी थी। अतः जैमिनी जी का नाम रखा गया-देवकीनंदन। बचपन से ही स्कूल-कॉलेज में विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियो को जीवंत करने वाले जैमिनी जी ने एम.ए., बी.टी. की उपाधिया अर्जित कीं। वे दिल्ली के अनेक विद्यालयों में पढ़ाते हुए प्रधनाचार्य के पद से सेवा-निवृत्त हुए। इस दौरान हरियाणवी बोली को हास्य-यंग्य की बेहद लोकप्रिय रचनाओं से तो समृद्धि किया ही, देश-विदेश में उसकी प्रतिष्ठा भी स्थापित की। कवि-सम्मेलन, आकाशवाणी, दूरदर्शन, पत्रा-पत्रिकाओं और पुस्तकों के माध्यम से करोड़ों पाठकों और श्रोताओं के मन में अविस्मरणीय जगह बनाई। सरस्वती, ठिठोली, काका हाथरसी हास्य-रत्न, टेपा, हरियाणा गौरव आदि अनेक सम्मानों से विभूषित जैमिनी जी को समय-समय पर भारत के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधनमंत्राी एवं अनेक मुख्यमंत्रियों द्वारा भी सम्मानित किया गया।
Author: Jaimini Haryanvi |
Publisher: Diamond Books |
Publication Date: Dec 02, 2022 |
Number of Pages: 224 pages |
Binding: Paperback or Softback |
ISBN-10: 8128839993 |
ISBN-13: 9788128839993 |