Diamond Pocket Books Pvt Ltd
Kaka Ki Phuljhadiyan (काका की फुलझड़ियां)
Product Code:
9788171824137
ISBN13:
9788171824137
Condition:
New
$15.61
Kaka Ki Phuljhadiyan (काका की फुलझड़ियां)
$15.61
काका जी ने हास्य को अपने जीवन का मूलमंत्र बनाया और आजीवन इसी के प्रचार-प्रसार में जुटे रहे। अपने जीवनकाल में उन्होंने कितने उदास चेहरों की मुस्कानें बांटीं, यह ठीक-ठीक बता पाना मुश्किल है। उनकी रचनाएं सचमुच फुलझड़ियां के समान हैं, जो पढ़ने वालों के मन को हास्य के उजाले से भर जाती हैं।
इस पुस्तक में संगृहीत काका जी की हास्य-कविताएं, कवि सम्मेलनों और काव्य-गोष्ठियों में हजारों-लाखों श्रोताओं को गुदगुदा चुकी हैं सन् 1965 में पहली बार प्रकाशित इस संकलन की ३ लाख से अधिक प्रतियां अब तक बिक चुकी हैं। आइए, हिंदी के इस महान कवि के कृतित्व का आनंद उठाएं।
-डॉ. गिरिराजशरण अग्रवाल
इस पुस्तक में संगृहीत काका जी की हास्य-कविताएं, कवि सम्मेलनों और काव्य-गोष्ठियों में हजारों-लाखों श्रोताओं को गुदगुदा चुकी हैं सन् 1965 में पहली बार प्रकाशित इस संकलन की ३ लाख से अधिक प्रतियां अब तक बिक चुकी हैं। आइए, हिंदी के इस महान कवि के कृतित्व का आनंद उठाएं।
-डॉ. गिरिराजशरण अग्रवाल
| Author: Kaka Hathrasi |
| Publisher: Diamond Pocket Books Pvt Ltd |
| Publication Date: Nov 21, 2024 |
| Number of Pages: 138 pages |
| Binding: Paperback or Softback |
| ISBN-10: 8171824137 |
| ISBN-13: 9788171824137 |