
Avarang Books
Is bar thehar jaana tum
Product Code:
9788196148812
ISBN13:
9788196148812
Condition:
New
$18.37

Is bar thehar jaana tum
$18.37
ज़िंदगी से इश्क़ करती एक बेपरवाह लड़की! जो अपने कॉलेज के दिनों से लिख रही है जिसे कविताएँ, उन्हें पढ़ते और लिखते लोग सबसे प्रिय लगते हैं। जिसे लगता है कि, "यदि उन्हें जानना है या उन तक पहुँचना है तो उनकी कविताएँ ही वो रास्ता है। कभी-कभी ज़िंदगी की भाग-दौड़ में हम ख़ुद से दूर हो जाते हैं और ठहराव का पल खो बैठते हैं। "इस बार ठहर जाना तुम" ये वो लम्हें हैं, जो ठहरने का हक़ रखते हैं। यह किताब उन सभी के लिए है, जिन्होंने कभी चाहा कि, "उनके अपने, जिन्हें वो जाने नहीं देना चाहते थे, सही वक़्त पर ठहर जाएँ या उनके लिए जो कहीं दूर निकल गए हैं और अब उन्हें बुलाने की कोशिश हो रही है। यह संग्रह एक विनती है, एक पुकार है कि जब अगली बार मिलो, तो थोड़ी देर ठहर जाना। पूर्णा के इस दूसरे काव्य संग्रह में; जीवन के गहरे भाव, प्रेम की नाज़ुकता, और आत्म-अन्वेषण के अनकहे पलों को शब्दों में पिरोया गया है। हर कविता एक दर्पण की तरह है, जो हमारे भीतर छिपे विचारों और भावनाओं को सामने लाती है।
Author: Purna |
Publisher: Avarang Books |
Publication Date: Dec 11, 2024 |
Number of Pages: 144 pages |
Binding: Paperback or Softback |
ISBN-10: 819614881X |
ISBN-13: 9788196148812 |