
Diamond Pocket Books Pvt Ltd
Main Shiksha Hoon (Tumhe Jeena Sikha Dun): मैं शिक्षा हूँ (तुë
Product Code:
9789354864421
ISBN13:
9789354864421
Condition:
New
$15.61

Main Shiksha Hoon (Tumhe Jeena Sikha Dun): मैं शिक्षा हूँ (तुë
$15.61
नामः आचार्यश्री सुदर्शन महाराज
शिक्षा - एम.ए.,पी-एच.डी. विद्यावाचस्पति, साहित्य विशारद्, साहित्य रत्न।
संस्थापक -
1. डॉ. वाई. के. सुदर्शन कृष्णा सिंह एजुकेशनल फाउण्डेशन ट्रस्ट (रजि.)।
2. कृष्णा सुदर्शन चैरिटेबल ट्रस्ट।।
3. आचार्य सुदर्शन फाउण्डेशन।
4. 'हमें भी पढाओ' एजुकेशन फाउण्डेशन।
5. आत्म कल्याण केन्द्र, गुड़गांव।
6. पटना सेन्ट्रल स्कूल सोसाइटी।।
7. कृष्णा निकेतन गर्ल्स स्कूल सोसाइटी।।
8. आचार्य श्री सुदर्शन विद्यापीठ, सीतामढ़ी।
9. मां जगतारिणी शक्तिपीठ, सीतामढ़ी।।
10. आचार्य श्री सुदर्शन नेत्र चिकित्सालय, सीतामढ़ी।
11. आचार्य सुदर्शन नर्सिग एंड पैरामेडिकल कॉलेज, सीतामढ़ी।
12. आचार्य सुदर्शन बी.एड. कॉलेज, सीतामढ़ी।
प्रकाशित पुस्तकें- विभिन्न विषयों पर लगभग 128 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें 800 पृष्ठों का 'सुदर्शन रामायण' जीवन का महाकाव्य संगीतमय श्रीराम कथा के रूप में उपलब्ध है, जिसमें जीवन के विभिन्न पक्षों की वृहत् चर्चा की गई है। इसके उपरान्त 950 पृष्ठों का 'जीवन जिएं कैसे गीता कहे जैसे' दूसरे महाग्रन्थ के रूप में प्रसिद्ध है, जिसमें बताया गया है कि भगवान के वचन विद्वान वर्ग से लेकर कृषक वर्ग तक कितने उपयोगी हैं।
पत्रिका
शिक्षा - एम.ए.,पी-एच.डी. विद्यावाचस्पति, साहित्य विशारद्, साहित्य रत्न।
संस्थापक -
1. डॉ. वाई. के. सुदर्शन कृष्णा सिंह एजुकेशनल फाउण्डेशन ट्रस्ट (रजि.)।
2. कृष्णा सुदर्शन चैरिटेबल ट्रस्ट।।
3. आचार्य सुदर्शन फाउण्डेशन।
4. 'हमें भी पढाओ' एजुकेशन फाउण्डेशन।
5. आत्म कल्याण केन्द्र, गुड़गांव।
6. पटना सेन्ट्रल स्कूल सोसाइटी।।
7. कृष्णा निकेतन गर्ल्स स्कूल सोसाइटी।।
8. आचार्य श्री सुदर्शन विद्यापीठ, सीतामढ़ी।
9. मां जगतारिणी शक्तिपीठ, सीतामढ़ी।।
10. आचार्य श्री सुदर्शन नेत्र चिकित्सालय, सीतामढ़ी।
11. आचार्य सुदर्शन नर्सिग एंड पैरामेडिकल कॉलेज, सीतामढ़ी।
12. आचार्य सुदर्शन बी.एड. कॉलेज, सीतामढ़ी।
प्रकाशित पुस्तकें- विभिन्न विषयों पर लगभग 128 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें 800 पृष्ठों का 'सुदर्शन रामायण' जीवन का महाकाव्य संगीतमय श्रीराम कथा के रूप में उपलब्ध है, जिसमें जीवन के विभिन्न पक्षों की वृहत् चर्चा की गई है। इसके उपरान्त 950 पृष्ठों का 'जीवन जिएं कैसे गीता कहे जैसे' दूसरे महाग्रन्थ के रूप में प्रसिद्ध है, जिसमें बताया गया है कि भगवान के वचन विद्वान वर्ग से लेकर कृषक वर्ग तक कितने उपयोगी हैं।
पत्रिका
Author: Acharyashree Sudarshan |
Publisher: Diamond Pocket Books Pvt Ltd |
Publication Date: Aug 05, 2021 |
Number of Pages: 130 pages |
Binding: Paperback or Softback |
ISBN-10: 9354864422 |
ISBN-13: 9789354864421 |