बोली, भाषा और लिपि के समुचित विकास के उपरांत साहित्य सृजन की कल्पना मानव मस्तिष्क में आंदोलित हुई और हमें मिला ग्रंथों का जखीरा । अध्ययन, अध्यापन और अभिलेखों के उजागर होने के बाद दुनिया में अनेक भाषाओं का विकास हुआ। समय-समय पर संचार के अनेक माध्यम चलन में आए। आज कुछ जीवित हैं और कुछ पुस्तकों की शोभा बन गए। भाषा और मीडिया के इस विकास क्रम में अनेक उतार-चढ़ाव देखने को मिलते हैं। ऑथर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने अपने सदस्यों को एक अवसर प्रदान किया कि वह भाषा और मीडिया को किस दृष्टिकोण से देखते हैं उसे अपने अनुभव के आधार पर प्रस्तुत करें। सदस्यों ने राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय आधार पर भाषा और मीडिया पर अनेक अनुभव सांक्षा किए। सभी लेख अत्यंत महत्वपूर्ण और संवेदनशील हैं। विद्वानों के साथ-साथ यह पुस्तक आम पाठकों सहित मीडिया के विद्यार्थियों एवं मीडिया में कार्यरत सभी मीडियाकर्मियों के लिए अत्यंत उपयोगी है।
| Author: Shivshankar Awasthi |
| Publisher: Diamond Pocket Books Pvt Ltd |
| Publication Date: Oct 16, 2024 |
| Number of Pages: 178 pages |
| Binding: Paperback or Softback |
| ISBN-10: 9363184757 |
| ISBN-13: 9789363184756 |