राहुल सांकृत्यायन की 'साम्यवाद ही क्यों' एक विचारोत्तेजक और प्रेरणादायक पुस्तक है, जो समाजवाद और साम्यवाद के विचारों को सरल और स्पष्ट रूप में प्रस्तुत करती है। यह पुस्तक न केवल विचारधारा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण है, बल्कि समाज के उत्थान और विकास के लिए एक महत्वपूर्ण मार्गदर्शन भी प्रदान करती है। 'साम्यवाद ही क्यों' में सांकृत्यायन ने समाजवाद को एक ऐसी व्यवस्था के रूप में प्रस्तुत किया है, जो समता, न्याय और मानवता के सिद्धांतों पर आधारित है। उन्होंने समाजवाद को पूंजीवाद के विपरीत मानते हुए, इसे श्रमिकों और आम जनता के हित में बताया है। 'साम्यवाद ही क्यों' ने हिंदी साहित्य और विचारधारा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया है। यह पुस्तक आज भी समाजवादी और साम्यवादी विचारों को समझने और उनके महत्व को जानने के लिए पठनीय है। सांकृत्यायन की यह कृति समाजवादी आंदोलन को प्रेरणा देने वाली एक महत्वपूर्ण दस्तावेज के रूप में मानी जाती है।
Author: Rahul Sankrityayan |
Publisher: Diamond Pocket Books Pvt Ltd |
Publication Date: Nov 21, 2024 |
Number of Pages: 80 pages |
Binding: Paperback or Softback |
ISBN-10: 9363187799 |
ISBN-13: 9789363187795 |