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StoryMirror Infotech Pvt Ltd

अंधेरों के साए में

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Product Code: 9789390267934
ISBN13: 9789390267934
Condition: New
$11.80

अंधेरों के साए में

$11.80
 

About the Book:

स्वर्गीय जयशंकर प्रसाद का मानना था जीवन लालसाओं से बना हुआ सुंदर चित्र है। ऋग्वेद और अन्य ग्रंथों में कहीं पर चित्र को उत्कृष्ट, स्पष्ट, रंगीन, एवं आंखों पर प्रभाव डालने वाला कहा है तो कहीं 'आभास' (जिसका शाब्दिक अर्थ सादृश्य, चमकता हुआ है) कहा गया है। सामान्यतया किसी भी व्यक्ति या वस्तु की कागज, कपड़े, पत्थर, लकड़ी, शीशे आदि पर उकेरी हुई, प्रतिकृति को चित्र कहा जाता है। आज चित्र शब्द पेंटिंग और कैमेरे से खींची तस्वीर के लिए भी प्रयोग में लाया जाता है। चित्र का एक अर्थ आकाश भी है। आकाश यानी विस्तार, फैलाव - 'रंगों और रेखाओं के माध्यम से भावनाओं का फैलाव।'

भावनाओं को अभिव्यक्त करने का एक अन्य सशक्त माध्यम है 'शब्द।' प्रस्तुत संग्रह में चित्रों को शब्दों ने अनायास नया विस्तार, नए आयाम ही दिए हैं कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी।




Author: Anu Somayajula
Publisher: Storymirror Infotech Pvt Ltd
Publication Date: Jun 14, 2023
Number of Pages: 70 pages
Binding: Paperback or Softback
ISBN-10: 9390267935
ISBN-13: 9789390267934
 

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