Skip to main content

Wkrishind Publishers

राग प्रकाश

No reviews yet
Product Code: 9789394967380
ISBN13: 9789394967380
Condition: New
$31.00

राग प्रकाश

$31.00
 
गायन वादन एवं नृत्य इन तीनों कलाओं के समावेश को संगीतज्ञों ने संगीत कहा है। संगीत एक ललित कला है। जिसे अन्य ललित कलाओं में सर्वश्रेष्ठ स्थान प्राप्त है। संगीत मन के भावों को प्रकट करने का सबसे अच्छा साधन माना जाता है। संगीत कला मुख्य रूप से प्रयोगात्मक कला है। जिसका उद्देश्य मन के भावों को बड़ी सहजता और मधुर ढंग से परिमार्जित कर उसका उसकी अन्तरात्मा से साक्षात्कार कराना है। आदिकाल से ही संगीत मनुष्य से जुड़ा रहा है। वैदिक काल तक आते-आते यह मानव जीवन को ईश्वर से मिलाने का सशक्त माध्यम बना, सारे वैदिक मन्त्र और ऋचाएं सस्वर उच्चारित होती थी, इसका प्रमाण हमारे चारों वेदों में से एक वेद सामवेद से प्राप्त होता है जिसकी प्रत्येक ऋचा और मन्त्र गेय है। धीरे-धीरे समय के परिवर्तन के साथ संगीत में भी परिवर्तन होता गया। मार्गी और देसी संगीत के अन्तर्गत गायन होने लगा, मार्गी संगीत वह संगीत था जिसका सम्बन्ध मोक्ष प्राप्ति से था तथा जो मुख्यतः भक्ति प्रधान होता था, देसी संगीत वह संगीत था जो जन रूचि के अनुकूल गाया जाता था। इसके बाद सामगान प्रचलन में आया तथा सामगान से जातिगान की उत्पत्ति हुई, जाती गान के दस लक्षण कहे गये है। इसके पश्चात 


Author: Om Prakash
Publisher: Wkrishind Publishers
Publication Date: May 21, 2023
Number of Pages: 198 pages
Binding: Hardback or Cased Book
ISBN-10: 9394967389
ISBN-13: 9789394967380
 

Customer Reviews

This product hasn't received any reviews yet. Be the first to review this product!

Faster Shipping

Delivery in 3-8 days

Easy Returns

14 days returns

Discount upto 30%

Monthly discount on books

Outstanding Customer Service

Support 24 hours a day