
StoryMirror Infotech Pvt Ltd
पवनजली (Pawanjali)

पवनजली (Pawanjali)
About the Book:
आज हम जिस परिवेश में रहते हैं वहाँ प्रकृतिक सुंदरता का आनंद लेने हमें कहीं दूर आस-पास के हरी-भरी जगह जाना पड़ता है। वातावरण में वे शांति नहीं कि झिंगुर की आवाज सुन सके। लेकिन आज से सौ वर्ष पहले हर कोई प्रकृति से इतनी घनिष्टता से जुड़ा था कि हर रोज सूर्य की किरणें, मिट्टी, झरनों के संपर्क मे सभी के दिन कटते थे। आज प्रकृति से जुड़ने के लिए हमें घरों से निकलकर यात्रा करनी पड़ती है।
इस कहानी के माध्यम से लेखिका ने प्रकृति के प्रति मानवता की संवेदना को जगाने का प्रयास किया है। कहानी में काफी गीत है जो प्रकृतिक सुंदरता को समर्पित है। यह चार मित्र राजेश्वरी, बाला, श्रीधर और शशीधर की है जो अपने किशोरावस्था में है। ये प्रकृति की गोद में सब्जी-भाजी बेचकर अपना निर्वाह करते हैं। तभी इनका परिचय 'पवनजली' नाम की एक युवती से होता है, जो बिल्कुल अद्भुत और अनोखी है। मित्रों और 'पवनजली' का ये सफर अनोखा एवं रोमांचक है।
प्रकृतिक सुंदरता के बीच रची गई ये कहानी जीवन के एक अलग ही आयाम को दर्शाता है। संगीत के माध्यम से इसमे जान डालने की कोशिश की गई है।
Author: Jayanti Mahakal |
Publisher: Storymirror Infotech Pvt Ltd |
Publication Date: Jan 09, 2023 |
Number of Pages: 56 pages |
Binding: Paperback or Softback |
ISBN-10: 9395374756 |
ISBN-13: 9789395374750 |