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Poorv Pithika
	                    Poorv Pithika
 रामकथा भारत की जनता की रगों में खून की तरह दौड़ती है। परन्तु इस राम-रावण कथा में रावण विलेन नहीं है। यह दो संस्कृतियों का टकराव है। राम-रावण कथा के इस प्रथम खंड को एक प्रकार से परिचय खंड भी कहा जा सकता है। रामायण के पात्रों का परिचय इस खंड में आप पायेंगे। यह परिचय उससे कहीं अधिक है जितने से प्राय हम लोग परिचित हैं। जैसे रावण के वंश को सुमाली से आरंभ किया गया है। किंतु साथ ही सरसरी जानकारी 'रक्ष-संस्कृति' के प्रणेताओं - हेति-प्रहेति से आरंभ की है। इसी प्रकार दशरथ के तीनों विवाहों और उनकी उप-पत्नियों को भी रेखांकित करने का प्रयास किया है। बालि सुग्रीव का जन्म, गौतम-अहल्या द्वारा उनका पालन-पोषण और अंत में वानरराज ऋक्षराज के दत्तक पुत्र बनने के घटनाक्रम को और इसी प्रकार केसरी-अंजना के विवाह और फिर हनुमान जन्म की कथा को भी तर्कसम्मत रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास किया है। इसी प्रकार रावण-वेदवती के प्रणय और उससे सीता के जन्म को भी रेखांकित किया है। सीता के जन्म के साथ ही यह परिचय-खंड विराम प्राप्त करता है। पूरे कथानक में मुख्यत समानान्तर तीन कथाएँ चल रही हैं। पहली सुमाली और फिर रावण की कथा है। दूसरी देवों की रावण से निपटने के लिए किए ज&
| Author: Sulabh Agnihotri | 
| Publisher: Redgrab Books Pvt Ltd | 
| Publication Date: 44942 | 
| Number of Pages: 300 pages | 
| Binding: Fiction | 
| ISBN-10: 9395697202 | 
| ISBN-13: 9789395697200 |